कबीरधामकवर्धा

कबीरधाम जिले में धान खरीदी के साथ-साथ किसानों को भुगतान शुरू, 06 करोड़ रूपए जारी

*मुख्यमंत्री की किसान हितैषी नीतियों से किसानों को मिल रहा मेहनत का सच्चा सम्मान*

 

कवर्धा 19 नवंबर 2025। कबीरधाम जिले में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुचारू, पारदर्शी और तेज रफ्तार में जारी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की किसान केंद्रित नीतियों का प्रत्यक्ष प्रभाव जिले भर में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। सुगम व्यवस्था, तकनीकी सुविधाओं और समय पर भुगतान ने किसानों के बीच भरोसा और उत्साह दोनों बढ़ाया है। धान खरीदी अभियान शुरू होते ही जिले में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस वर्ष धान खरीदी में भुगतान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और इसका लाभ कबीरधाम जिले के किसानों को मिल रहा है। सरकार की पारदर्शी और त्वरित भुगतान व्यवस्था के चलते समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसानों के खातों में अब तक 6 करोड़ 06 लाख रुपये सीधे जारी किए जा चुके हैं। समय पर भुगतान मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और खेती के प्रति उनका विश्वास और उत्साह बढ़ा है।

जिले में धान खरीदी के लिए कुल 108 धान उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 90 केंद्र सहकारी समितियों के माध्यम से सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं। प्रत्येक केंद्र पर तौल, बारदाना, परिवहन और गुणवत्ता परीक्षण की व्यवस्था को मजबूत किया गया है, ताकि किसान बिना किसी कठिनाई के अपना धान बेच सकें। प्रशासन और समितियों की सक्रियता तथा मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों ने धान खरीदी को गति दी है और भुगतान प्रक्रिया को पहले की तुलना में कहीं अधिक तेज कर दिया है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट कहा है कि किसानों की मेहनत का सही मूल्य समय पर मिलना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी सोच के तहत भुगतान व्यवस्था को पूरी तरह ऑनलाइन और त्वरित किया गया है। किसानों का कहना है कि इस बार उन्हें भुगतान के लिए किसी तरह की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ रही है और पैसा सीधे बैंक खाते में मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और रबी फसल की तैयारी भी आसानी से हो पा रही है। मोबाइल-आधारित टोकन प्रणाली ने भी किसानों की समस्याएँ काफी हद तक कम कर दी हैं। अब केंद्रों में अनावश्यक भीड़ नहीं होती और तौल प्रक्रिया भी तेज हुई है।

किसानों ने बताया कि पहले जहां भुगतान में देरी होती थी, वहीं अब समय पर राशि मिलने से उनका भरोसा और उत्साह दोनों बढ़ा है। जिले की धान खरीदी व्यवस्था इस वर्ष खरीदी और भुगतान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की वजह से अधिक प्रभावी, पारदर्शी और किसान-हितकारी बनी है। मुख्यमंत्री की किसान-केंद्रित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है कि किसान निश्चिंत होकर धान बेच रहे हैं और समय पर मूल्य मिलने से उनके जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

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